“कोई है जो मिलने वाला है” Hindi sad poetry

Artist : Gift Habeshaw

 कोई है जो मिलने वाला है

सब्र का फंदा जलने वाला है

कहीं ये नज़रों का धोखा तो नहीं

की सिर्फ वो मुझे आजमाने वाला है

 

इंतज़ार में उसके मैं अब रुकने वाला हूँ

चलना छोड़ दिया बेसक मैं अब हारने वाला हूँ

करीबियां बढ़ गयीं अब मौसम बिछड़ने वाला है

ऐसे मोड़ पे अब कोई ना सम्हलने वाला है

 

चेहरा बता दिया वो नज़रें चुराने वाला है

लगता है किसी और का होने वाला है

बहुत जली ये ज़मीं फ़रेबी अंदाज़ पे

घटा आ गयी अब आंसू बरसने वाला है

 

फिर कभी मिल के इन रिश्तों को रफ़ू ना करने वाला हूँ

भीड़ में बहुत जी लिया अब अकेले ही रहने वाला हूँ

वैद – हकीमों के पास इसकी कोई दवा नहीं है

नींद बीमार है अब मैं ना सोने वाला हूँ

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