दीमक Hindi Motivational Poetry

 

 

Hindi Motivational Poetry

 

जिनका मुझसे थोड़ा विस्तार हुआ 

वो आज मुझे समझाने लगे हैं ||

मैंने अपने क़रीब आने दिया

वो मुझे लूट के अब जाने लगे हैं।।

 

जिन्हे थोड़ा सा हासिल हुआ

वो अब क़तराने लगे हैं ||

थोड़ी मुझमे क़ाबिलियत दिखी

वो लौट के वापस आने लगे हैं ।।

 

जिन्हे लोगों ने ठुकरा दिया 

वो लहरों से अब टकराने लगे हैं ||

लोगों ने जिसे ख़ूब रुलाया

वो अब मुस्कुराने लगे हैं ।।

 

जिन्हे मोहब्बत ने नकार दिया

वो अब प्रेम गीत गाने लगे हैं ||

लोगों ने जिन्हे भुला दिया था

आज उन्ही की बातें करने लगे हैं ||

 

जिन्हे ठोकरों ने कई बार गिराया

आज रास्ते उन्हें सम्हालने लगे हैं ||

रोटियां अक्सर जिनकी जल जाया करती थीं

वो आज मालपुआ खाने लगे हैं ||

 

जिनसे बरसों तक मोम नहीं पिघला

वो आज पत्थर पिघलाने लगे हैं ||

चारो तरफ जिसकी बुराइयां होती थीं

आज वो तारीफों में नहाने लगे है ||

 

जो देश को बचाने में नेता बन गए

वो आज दीमक बनके चबाने लगे हैं ||

खुद को जो नास्तिक बताते थे

वो आज मंदिर – मस्जिद जाने लगे हैं ||

दीमक Hindi Motivational Poetry

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