बादलों की आँखें आज नम हो गई Hindi sad poetry

बादलों की आँखें आज नम हो गई Hindi sad poetry

बादलों की आँखें आज नम हो गई
कल तो सही थीं
आज कौन सी आफत आगई
किसी से आशिकी हो गई
या कोई और  बात हो गई
बस करो थम जाओ
आँखें लाल हो जाएगी
तुम ना रुके तो,
हम भी परेशान हो जायंगे
बादलों की आँखें आज नम हो गई Hindi sad poetry

 

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