मैं वो दरिया नहीं, जो किनारों से कैद रहूँ
और मैं वो प्यार भी नहीं ,जो टूट के बिखर जाऊं
तुफ़ा लाना है तो ला तूं
मैं वो पत्थर नहीं, जो लहरों से डर जाऊं
ये मौत का डर किसी और को बताना
मैं जिन्दा ही कब था जो मर जाऊंगा
प्यार में जिंदगी है खुद को समझाना
मुझे दोस्ती ना मिली तो दुस्मनी निभा लूँगामैं वो दरिया नहीं HIndi sad poem
मैं जिन्दा ही कब था जो मर जाऊंगा
प्यार में जिंदगी है खुद को समझाना
मुझे दोस्ती ना मिली तो दुस्मनी निभा लूँगामैं वो दरिया नहीं HIndi sad poem
Writer
Bahut Acchha ….
Nice line