रहने दो तुम अब क्या करोगे Hindi sad poetry

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रहने दो तुम अब क्या करोगे |

साज़िशों में फंसा के वकालत करोगे ||

कोई और रास्ता नहीं मिला तुम्हे |

रिस्तों में फंसा के सौदा करोगे ||

 

करने दो हरकतें उसे रोकेंगे |

तुम सही रहना खुदा उसे देखेंगे ||

और बच के रहना तुम भी |

तुम्हारे कर्मो पे भी वो सोचेंगे ||

 

लोग आते और जाते रहेंगे |

आवा जाही में रिस्तें निभादेन्गे ||

गल्ती से भी पीछे मत रह जाना |

थोड़ी भी दुरी बढ़ी तो लोग तुम्हे भुला देंगे ||

रहने दो तुम अब क्या करोगे Hindi sad poetry

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