हद में रहो, ऐ सरकार चलाने वालों Hindi motivational kavita

Hindi motivational kavita

हद में रहो, ऐ सरकार चलाने वालों
थोडा तो शर्म करो, ऐ दाल में कंकड़ मिलाने वालों
यहाँ घरों को जला दिया किसी भीड़ ने
और  रैली ही करते रह गए , ये भीड़ बनाने वालों
सिर्फ वोटों की ही क़द्र क्यों है
वोट देने वालों पे भी तो ध्यान दो, ऐ संसद चलाने वालों
जब अपनी बातों पे एतबार नहीं है
तो क्यूँ वादा करते फिरते हो, ऐ वादा करने वालों
उनसे क्या कहें, जो थोड़े से पैसे और शराब में  बिक जाते हैं
कोई और कारोबार क्यों नहीं कर लेते, ऐ इंसान खरीदने वालों
ये  सब एक हि  हैं जो हमारी आखों के सामने लड़ते हुए दिखते हैं
थोड़ा तो परखना सीख लो , ऐ वोट देने वालों
ये तुम्हे जख्म देके, मरहम लगायेंगे
तुम्हारी लाचारियों को, मुद्दा बनायेंगे
तुम्हे ही सम्भलना  होगा, ऐ चोट खाने वालों
हर बेटी के बलात्कार पे, सब रोते ही रहते हैं
अरे कुछ करते क्यों नहीं, ऐ रोने वालों
और तुम्हारी भी बारी एक दिन आयगी
तुम्हारी आखों से भी आंसू निकलेगा, ऐ देखने वालों
हद में रहो, ऐ सरकार चलाने वालों Hindi motivational kavita

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top