हम चले थे साथ – साथ Hindi sad poetry
Hindi sad poetry
हम चले थे साथ – साथ
फिर ना जाने क्या हुआ
पहले तो रास्ता एक था
अब ये तुमको क्या हुआ
बचपन हो लिया, जब वक्त के साथ
फिर नहीं वो साथ हुआ
ये लम्हों का ही खुरापात था
जो आज वो अजनबी हुआ
कुछ लोगों का है साथ
उसमे तुम नहीं तो क्या हुआ
जब ये आँखे रो पढ़ी थी
तब सवालों का जन्म हुआ
जो रास्ते है साथ – साथ
उसपे अकेला क्यों हुआ
पहले तो मैं भी सही था
फिर मैं झूठा क्यों हुआ
हम चले थे साथ – साथ Hindi sad poetry
Writer