हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ Motivational Hindi Poetry

Photographer : Renato Danyi

हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ

हर रंजिशों को छोड़ के एक साथ हो जाएँ

एक बार फिर आजादी के लिए कुर्बान हो जाएँ

तुम भगत सिंह हम आज़ाद हो जाएँ

क्यों आपसी जलन में जल के राख हो जाएँ

हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ

रोना छोड़ के चलो खुशियों के जमींदार हो जाएँ

गल्तियां जिसकी भी हों, हम जिम्मेदार हों जाएँ

इसने ये किया, उसने वो किया, बस करो

कुछ तुम तो कुछ हम भी समझदार हों जाएँ

क्यों आपसी जलन में जल के राख हो जाएँ

हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ

खुशियां समेटे चलो दर्द से पार हों जाएँ

इंसानियत के थोड़ा तो हक़दार हों जाएँ

नादानियों में हमने सारा कुनबा लुटा दिया

अब तो इस दरिया से चलो पार हों जाएँ

क्यों आपसी जलन में जल के राख हो जाएँ

हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ

हिन्दू ना मुस्लिम चलो इंसान हो जाएँ Motivational Hindi Poetry

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