“कोई है जो मिलने वाला है” Hindi sad poetry
कोई है जो मिलने वाला है
सब्र का फंदा जलने वाला है
कहीं ये नज़रों का धोखा तो नहीं
की सिर्फ वो मुझे आजमाने वाला है
इंतज़ार में उसके मैं अब रुकने वाला हूँ
चलना छोड़ दिया बेसक मैं अब हारने वाला हूँ
करीबियां बढ़ गयीं अब मौसम बिछड़ने वाला है
ऐसे मोड़ पे अब कोई ना सम्हलने वाला है
चेहरा बता दिया वो नज़रें चुराने वाला है
लगता है किसी और का होने वाला है
बहुत जली ये ज़मीं फ़रेबी अंदाज़ पे
घटा आ गयी अब आंसू बरसने वाला है
फिर कभी मिल के इन रिश्तों को रफ़ू ना करने वाला हूँ
भीड़ में बहुत जी लिया अब अकेले ही रहने वाला हूँ
वैद – हकीमों के पास इसकी कोई दवा नहीं है
नींद बीमार है अब मैं ना सोने वाला हूँ
Writer
Bahot khub
Supar