जो नाराज़ हैं उन्हें नाराज़ ही रहने दो Hindi sad poetry

जो नाराज़ हैं उन्हें नाराज़ ही रहने दो Hindi sad poetry

Artist : Paritosh Soren

 

जो नाराज़ हैं उन्हें नाराज़ ही रहने दो

उनकी नज़रों में मुझे गुनेहगार ही रहने दो

जब भी पास जाता हूँ मेरी हैसियत बताने लगते हैं

महलों में वो जीते कैसे हैं ये दिखाने लगते हैं

अभी ज़िन्दगी के कई पल बाक़ी हैं आने तो दो

जो लगी है अंदर आग उसे बाहर तक फ़ैलाने तो दो

पहचान लोगे हर एक पायदान को जिसपे पैर रख के चढ़े थे

फिर तुम कहोगे ये मेरा ग़ुरूर था इसे बिक जाने तो दो

लहरों की तरह वापस आओगे ज़रा वक़्त आने तो दो

मेरे कई दर्द हैं ज़रा आपस में सबको टकराने तो दो

जहाँ से गए थे वहीं आके खड़े हो जाओगे

ये जीवन काल चक्र है ज़रा इसे घूम जाने तो दो

(जो नाराज़ हैं उन्हें नाराज़ ही रहने दो Hindi sad poetry)

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