नफ़्रतों को हम दावत पे बुलाएँगे Hindi motivational poem

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 Hindi Motivational Poem

 

नफ़्रतों को हम दावत पे बुलाएँगे

और फिर बताएँगे उन्हें मरना होगा

खुशियां चाहे जितना गिड़गिड़ाएं

उन्हें जंजीरों में बांधना होगा

 

कुछ रिस्ते कपड़ों की तरह फटेंगे

उन्हें बातों से तुरपाई करना होगा

लोग आँखें ना चुराएं

ऐसा माहौल बना के रखना होगा

 

लोग वक्त की तरह बिछड़ते चले जायेंगे

बातों में मोहब्बत परोसना होगा

कितना भी चिल्लाओ बदल नहीं पाओगे

वक्त आने पे सबको मरना होगा

नफ़्रतों को हम दावत पे बुलाएँगे Hindi motivational poem

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