सब कुछ हुआ Hindi love poem

pexels-photo-1172207-1172207.jpg

Hindi love poem

सब कुछ हुआ
बस यादगार नहीं हुआ
ऐसा नहीं की उम्मीद नहीं थी
बस हाथों में लकीर नहीं थी
कुछ भी नहीं हुआ
अगर प्यार नहीं हुआ
करने वाले कर के चले गए
हम उम्मीद और लकीरों में फंसे रहे
बहुत कुछ नहीं हुआ
प्यार था प्यार ही हुआ
मिले तो हम भी नहीं थे
खतों का दौर था खतों से इजहार हुआ
वही तो नहीं हुआ
प्यार था यादों में शामिल हुआ
क़दमों ने कई बार करवटें बदली
हमने कहाँ बस अब बहुत हुआ
सब कुछ हुआ Hindi love poem

1 thought on “सब कुछ हुआ Hindi love poem”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top