चेहरे पे उसके गहरी ख़ामोशी होती है Hindi sad poetry

 

 Hindi sad poetry

 

चेहरे पे उसके गहरी ख़ामोशी होती है

हालातों से लड़ने की उसकी कोशिश होती है ||

तुम उसे डराने में लगे रहे

वो अपने मंज़िलों से रूबरू है हर क़दम पे उसके चुनौती होती है ||

दिखता नहीं है मग़र बादलों में बारिश होती है

क़रीब जाओगे उसके दिल के, तुम्हारे दर्द की भी वहां हिफाज़त होती है ||

कैसे संभल जाता है वो लड़खड़ा के

उसके हाथों में बहनो की राखी होती है ||

जख्मों की क़तारें लगती है तब जाके उसके आँखों से बारिश होती है

ज्यादा बकबक मत करो बातों पे उसके क्रांति होती है ||

हर किसी की तरह हल्के में तूँ लेता है जिसे

सच कहूं तो मंज़िलें उसी को हासिल होती हैं ||

उसकी हाथों में जो क़लम ठहरती है

रातों में उसकी उससे बातें होती हैं ||

यक़ीं ना हो तो इतिहास से जाके पूछो

उसके घर में उसकी पूजा होती है ||

चेहरे पे उसके गहरी ख़ामोशी होती है Hindi sad poetry

1 thought on “चेहरे पे उसके गहरी ख़ामोशी होती है Hindi sad poetry”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top