इश्क की शान रखो Hindi romantic poetry
Hindi romantic poetry
इश्क की शान रखो
पर्दा हटाओ सारे आम रखो
दिमाक और जुबान से मिटाके
दिलों में इसकी विरासत रखो
संदूकों में कैद करके मत रखो
ये प्यार है इसको प्यार से रखो
दिल के हर पत्तों पे इसको सजा के रखो
और फिर हवाओं से बचा के रखो
इश्क-बाजारी में भी इसको बिठा के रखो
कोई ख़रीद ना पाए ऐसा दाम लगा के रखो
नज़रों से बचाओ नहीं, उसपे बिठा के रखो
हर कोई इश्क करना चाहे, ऐसा कुछ बना के रखो
इश्क की शान रखो Hindi romantic poetry
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