वो मेरी मोहब्बत को संभाल नहीं पाये Hindi romantic poetry

 Hindi romantic poetry

वो मेरी मोहब्बत को संभाल नहीं पाये
घर वाले मानेगे नहीं, ये कहके चले गए
वो लाये थे इश्क का चिराग, तूफानों की बस्तियों में
एक बार फिर इश्क को बदनाम कर गए
तुम्हें डर था बिक जाने का
तो मुझे नीलाम कर देते
छुपा लेते हर किसी से अपना नाम
मुझे बदनाम कर देते
वो मेरी मोहब्बत को संभाल नहीं पाये Hindi romantic poetry

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