गुलामी क्या होती है | Hindi kavita

गुलामी क्या होती है

 Hindi kavita

गुलामी क्या होती है
मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता
हर जुर्म सह लेता हूँ आजीवन
कभी आजादी नहीं मांगता
जो आता अपनी मर्जी से
मुझे बजा देता है
मैं क्या बजना चाहता हूँ
मुझसे कोई नहीं पूछता है
मैं बजते – बजते थक जाता हूँ
बजा के मुझे छोड़ देते हैं
थकान का असर जैसे ही मेरी आवाज पे होती  है
पीछे से कोई ठोक देता है
मैं लड़ भी तो नहीं सकता किसी से
इंसानों ने मेरा हाथ नहीं बनाया
स्पीकर नाम देके
क्या खूब मुझे बजाय
गुलामी क्या होती है | Hindi kavita

3 thoughts on “गुलामी क्या होती है | Hindi kavita”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top