हम तो उनके भी नहीं हुए Hindi sad romantic poetry
जिनकी तमन्ना हुआ करती थी होने की
मोहब्बत उनसे नहीं सम्हलती
जिनकी आदत हो जादे सोने की
मैं अकेले ही जी रहा था
मेरी आदत नहीं थी ,किसी के कंधे पे सर रख के रोने की
और उनकी ज़िन्दगी खरीद लेता है कोई
जिनके पास हुनर नहीं है जुआ खेलने की
मेरे आंसुओ को मेरे ही हाथ ने पोछा था
मेरे पास कोई तरकीब नहीं थी , रिस्तों को निभाने की
मै तब भी खुल के नहीं हंसा करता था
वो उम्र नहीं थी , जवाने की परवाह करने की
मुझे मौत कैसे आई थी
क्या ये इंसानों की साजिस थी , मुझे दफ़नाने की
मेरी मौत की खुशी में तो तू भी था
क्या ये कोई साजिश है मेरे आंसुओं से बच जाने की
हम तो उनके भी नहीं हुए Hindi sad romantic poetry
Writer
Nice Lines
Superb bro. Kya baat hai
Nice line akhand bhai