चारो तरफ चुभने लगे परेशानियाँ Hindi motivational poetry
चारो तरफ चुभने लगे परेशानियाँ Hindi motivational poetry
चारो तरफ से चुभने लगे ,
परेशानियाँ काँटों की तरह |
तो रुख बदलना नहीं ,
दीवारों से टकरा कर हवाओं की तरह |
बढती है नाकामियां,
तो बढने दे इस कदर |
की इतिहास में तेरा भी नाम,
दर्ज हो जाये इब्राहीम लिंकन की तरह |
चारो तरफ चुभने लगे परेशानियाँ Hindi motivational poetry
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